Tuesday, February 9, 2016

Nani ko Shradhaanjali

Feb 9, 2016

नानी जी को श्रद्धांजलि

वर्ष २०१६ मौनी अमावस्या को
ले लिया तुमने मौन अनंत
आज तुम्हारे जाने पर
ये मन है थोड़ा खिन्न
शब्दों में ही लिखकर
अब करे याद ये तुमको।

थी गहन आवाज़ तुम्हारी कितनी
सबको करती अनुशासित
सब सोचे था वो कड़कपन
पर हमने देखा चिंता और प्यार।

केश तुम्हारे थे काले कितने
वृद्धावस्था ने भी घुटने टेके थे
सारे नाती पोते भी करते थे
मन ही मन में गर्व उन पर।

पूजा पाठ में ध्यान था कितना
करतीं सबके सुख की कामना
कितनी भी कठिनाई आयीं
पर हार कभी ना तुमने मानी।

इस जीवन में तुम अपने
काम अनेक कर गयीं
मुझको तो बड़े उपहार में
माँ तुम मेरी दे गयीं।

पर अपने ही हंसालय से
तुम आज विदा क्यों ले गयीं?

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